आनंद वार
खेल हर बच्चे के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है और आनंद के लिए बहुत ज़रूरी है। खेलने और मौज-मस्ती करने के लिए समय और जगह मिलने से बच्चे शारीरिक रूप से सक्रिय हो सकते हैं और उन्हें अपनी पसंद के हिसाब से चुनाव करने की आज़ादी मिलती है। बच्चे मौज-मस्ती करते हुए सीखते हैं। इससे बच्चे को अपना आत्म-सम्मान, आत्म-जागरूकता और आत्म-सम्मान बढ़ाने में भी मदद मिलती है। खेलों के ज़रिए बच्चे को नए कौशल विकसित करने का मौका मिलता है। अध्ययनों के अनुसार, खेल खेलने जैसी मजेदार गतिविधियाँ विद्यार्थियों में प्रेरणा बढ़ाती हैं। कक्षा में लगातार व्याख्यान विद्यार्थियों के लिए एक नीरस वातावरण बना सकते हैं, जिससे शिक्षकों के लिए उन्हें ऐसे खेलों और गतिविधियों में शामिल करना ज़रूरी हो जाता है जो उनकी ऊर्जा और प्रेरणा को बढ़ाते हैं।